मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

तू ही एक ख़ाहिश जवां आखिरी है

तू ही एक ख़ाहिश जवां आखिरी है ।।
मेरी मौत के  दरमियाँ आखिरी हैं ।।

चराग-ए-मुहब्बत हुआ राख लेकिन
एहसास का ये धुआँ आखिरी हैं ।।

लमहात इस रात के साथ गम के
गुजरते हुए कारवां आखिरी हैं ।।

खयालात के इस चमन की हिफाजत
करेगा जो ये बागवां आखिरी है ।।

हकीकत के सारे परिंदों से कह दो
ये ख़्वाबों भरा आसमाँ आखिरी है ।।

गले मिल के कह दो नहीं प्यार मुझसे
यही एक अब इन्तेहाँ आखिरी है ।।

  खामोशियों की यही इल्तजा थी
  बिना कुछ कहे ये बयाँ आखिरी है।।

तू ही एक ख़ाहिश जवां आखिरी है ।।
मेरी मौत के  दरमियाँ आखिरी हैं ।।
****** मनोज नौटियाल ******
Date- 21-2-17


सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

प्रेम गीत वैलेंटाइन स्पेसल

A sweet song for true lover ......happy Valentine day to all my frnds ....

ख्वाहिशें हौसलों की मुकरती रही
रात भर करवटें बात करती रही।
कामना के हिमालय पिघलते रहे
प्रीत भागीरथी बन उतरती रही ।।

जागते ख्वाब देखे कई रात भर
  हाथ तुमने रखा है मेरे हाथ पर
  हुश्न के आसमाँ पर सितारों भरी
रात में रूप के चंद्रमा का सफर।।

एकतरफा मुहोब्बत मेरी रात भर
कल्पना लोक में ही विचरती रही ।।
ख्वाहिशें हौसलों की मुकरती रही......

लेखनी की तुम्ही नायिका हो मेरी
प्रीत के गीत की गायिका हो मेरी
मन शिवालय मेरा प्रेम कैलाश है
प्रेम के ग्रन्थ की दीपिका हो तुम्ही
    
खोजता था कहीं जब सहारा कोई
  बस तुम्हारी कमी ही अखरती रही
ख्वाहिशें हौसलों की मुकरती रही.....।।

आज स्वीकार लो ये निवेदन प्रिये
  पूर्ण कर दो निराकार पूजन प्रिये
    एक चुटकी तेरी माँग में गेर दूँ
   गेरुए रंग का आज चन्दन प्रिये ।।

   आईने में कभी भी नजर जब पड़ी
   सामने तुम दुल्हन बन सँवरती रही
ख्वाहिशें हौसलों की मुकरती रही....।।

********** मनोज नौटियाल ************
14-2-2017