सोमवार, 13 जून 2016

गीत


पिछले जन्म दिवस पर तुमने ,तोहफा मुझको ख़ास दिया
तुम जीवन भर साथ रहोगी ,मुझको ये विश्वाश दिया।।

जीवन के इस एक बरस में ,वादे टूटे - टूटी कसमें
करवट आज समय की देखो,ना तेरे ना मेरे वश में ।।
आज महोत्सव मातम हो कर , साथ खड़ा है बीते कल के
तुमसे मिलने पर जिस कल को , मैंने ही बनवास दिया  ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने ................

एक बार तो खोलो तुम भी बीती यादों का तहखाना
गलतफहमियों का बिखरा है सब साजो सामान पुराना ।।
आज समर्पण की चौखट पर ,ये सीलन जो देख रही हो
बरस रहा वो बादल जिसने छाया का आभास दिया  ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने .................

याद करो वो रातें जिनमे जागे, ना मैं ना तुम सोयी
कैसे भूल गई तुम कहती  , नाता है  पहले से कोई
उन रातों बातों की मैंने मानस पर जो बिम्ब गढ़े हैं
आज मुझे कहते हैं मैंने ही उनको संन्यास दिया ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने ...................

पिछले जन्म दिवस पर तुमने ,तोहफा मुझको ख़ास दिया
तुम जीवन भर साथ रहोगी ,मुझको ये विश्वाश दिया ।।

मनोज नौटियाल

शुक्रवार, 3 जून 2016

आज खुजराहो बनेगी, भाव की ये प्रतिमाएं

आज एक नयाँ प्रयोग । प्रेम का उन्वान

ये धरा अम्बर हवाएँ ,बोलती चारों दिशाएं
हे प्रिये अतिरेक हो जाएँ , हमारी भावनाएं
नाचती उन्मुक्त होकर,आज आतुर कामनाएं
आज खुजराहो बनेगी, भाव की ये प्रतिमाएं ।।

अनगिनत मनसिज मुखर ,होने लगे हैं नृत्य करने
अब नहीं कर्ता लगा , अज्ञात सारे कृत्य करने ।।
खोजती एकांत कोई ,  प्रेम की संभावनाएं
आज खुजराहो बनेगी, भाव की ये प्रतिमाएं ।।

अब ह्रदय की धड़कनो पर, भी नहीं कोई नियंत्रण
दे रहा स्पर्श हमको , पास आने का निमंत्रण
अधखुले कम्पित अधर पर, छा गई हैं लालिमाएं
आज खुजराहो बनेगी, भाव की ये प्रतिमाएं ।।

तृप्ति की उद्घोषणाएं ये तुम्हारी करवटें हैं
प्रेम के उन्वान की , देती गवाही सलवटें हैं
हो गई है आज खंडित ,लाज की सब साधनाएं
आज खुजराहो बनेगी, भाव की ये प्रतिमाएं ।।

मनोज नौटियाल