सोमवार, 23 मई 2016

पुराना ख़त मिला उनका

पुराना ख़त मिला उनका अचानक आज कमरे में
वफ़ा का काफिला निकला अचानक आज कमरे में  ।।

हर इक एहसास लिखा था , रहेगा पास लिखा था
वो वादा खोखला निकला अचानक आज कमरे में   ।।

मुझे बेबाक हो कहना , तुम्हारे बिन नहीं रहना
वो शिकवा वो गिला निकला अचानक आज कमरे में ।।

ये ख़त इकरार था उनका , मैं पहला प्यार था उनका
पुराना सिलसिला निकला अचानक आज कमरे में ।।

ये मन भरता नहीं पढ़ के , नजर हटती नहीं ख़त से
ये कैसा जलजला उठा अचानक आज कमरे में  ।।
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                     मनोज नौटियाल

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